RPSC PRTAL 2010

राजस्थान के जिले -3- झालावाड

Posted by Vinod Bhana Friday, October 15, 2010

राजस्थान के जिले -3- झालावाड
झालावाड राजस्थान राज्य के दक्षिण-पूर्व में स्थित झालावाड़ जिला का मुख्यालय है। यह झालावाड के हाडौती क्षेत्र का हिस्सा है । झालावाड के अलावा कोटा, बारां एवं बूंदी हाडौती क्षेत्र में आते हैं । राजस्थान के झालावाड़ ने पर्यटन के लिहाज से अपनी एक अलग पहचान बनाई है। राजस्थान की कला और संस्कृति को संजोए यह शहर अपने खूबसूरत सरोवरों, किला और मंदिरों के लिए जाना जाता है। झालावाड़ की नदियां और सरोवर इस क्षेत्र की दृश्यावली को भव्यता प्रदान करते हैं। यहां अनेक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल भी हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर खींचने में कामयाब होते हैं। झालावाड़ मालवा के पठार के एक छोर पर बसा जनपद है। इस जनपद के अंदर झालावाड़ और झालरापाटन नामक दो पर्यटन स्थल है।
इन दोनों शहरों की स्थापना 18वीं शताब्दी के अन्त में झाला राजपूतों द्वारा की गई थी। इसलिए इन्हें ट्विन सिटी भी कहा जाता है। इन दोनों शहरों के बीच 7 किमी की दूरी है। यह दोनों शहर झाला वंश के राजाओं की समृद्ध रियासत का हिस्सा था।

प्रमुख आकर्षण
गढ़ महल

गढमहल झाला वंश के राजाओं का भव्य महल था। शहर के मध्य स्थित इस महल के तीन कलात्मक द्वार हैं। महल का अग्रभाग चार मंजिला है, जिसमें मेहराबों, झरोखों और गुम्बदों का आनुपातिक विन्यास देखने लायक है।
परिसर के नक्कारखाने के निकट स्थित पुरातात्विक संग्रहालय भी देखने योग्य है। महल का निर्माण 1838 ई. में राजा राणा मदन सिंह ने शुरू करवाया था जिसे बाद में राजा पृथ्वीसिंह ने पूरा करवाया। 1921 में राजा भवानी सिंह ने महल के पिछले भाग में एक नाट्यशाला का निर्माण कराया। इसके निर्माण में यूरोपियन ओपेरा शैली का खास ध्यान रखा गया है।

कृष्ण सागर

शहर से करीब 6 किमी. दूर कृष्ण सागर नामक विशाल सरोवर है। यह सरोवर एकांतप्रिय लोगों को बहुत पसंद आता है। सरोवर के किनारे पर लकड़ियों से निर्मित एक इमारत है। इस इमारत को रैन बसेरा कहा जाता है। यह इमारत महाराजा राजेन्द्र सिंह ने ग्रीष्मकालीन आवास के लिए बनवाई थी। पक्षियों में रूचि रखने वालों को यह स्थान बहुत भाता है।

गागरन फोर्ट

काली सिंध नदी और आहु नदी के संगम पर स्थित गागरन फोर्ट झालावाड़ की एक ऐतिहासिक धरोहर है। यह शहर से उत्तर में 13 किमी. की दूरी पर स्थित है। किले के प्रवेश द्वार के निकट ही सूफी संत ख्वाजा हमीनुद्दीन चिश्ती की दरगाह है। यहां हर वर्ष तीन दिवसीय उर्स मेला भी लगता है।

सूर्य मंदिर

शान्तिनाथ मंदिर

यह मंदिर सूर्य मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित है। ग्यारहवीं शताब्दी में निर्मित इस जैन मंदिर के गर्भगृह में भगवान शांतिथ की सौम्य प्रतिमा विराजमान है। यह प्रतिमा 11 फुट ऊंची है और काले पत्थर से बनी है। मुख्य मंदिर के बाहर विशालकाय दो हाथियों की मूर्तियां इस प्रकार स्थित हैं, मानो प्रहरी के रूप में खड़ी हों।

गोमती सागर

झालरापाटन का यह विशाल सरोवर गोमती सागर के नाम से जाना जाता है। इसके तट पर बना द्वारिकाधीश मंदिर एक प्रमुख दर्शनीय स्थान है। झाला राजपूतों के कुल देवता द्वारिकाधीश को समर्पित यह मंदिर राजा जालिम सिंह द्वारा बनवाया गया था। शहर के पूर्व में चन्द्रभागा नदी है। जहां चन्द्रावती नगरी थी। उस काल के कुछ मंदिर आज भी यहां स्थित हैं, जिनका निर्माण आठवीं शताब्दी में मालवा नरेश ने करवाया था। इनमें शिव मंदिर प्रमुख हैं। यह मंदिर नदी के घाट पर स्थित है।

नौलखा किला

शहर के एक छोर पर ऊंची पहाड़ी पर नौलखा किला एक अन्य पर्यटन स्थल है। इसका निर्माण राजा पृथ्वीसिंह द्वारा 1860 में शुरू करवाया गया था। इसके निर्माण में खर्च होने वाली राशि के आधार पर इसे नौलखा किला कहा जाता है। यहां से शहर का विहंगम नजारा काफी आकर्षक लगता है।

बौद्ध और जैन मंदिर

झालावाड़ और झालरापाटन शहरों के बाहर जैन धर्म और बौद्ध धर्म से जुड़े मंदिर भी पर्यटकों को खूब लुभाते हैं। इसमें चांदखेड़ी का दिगंबर जैन मंदिर और कोलवी स्थित बौद्ध धर्म के दीनयान मत की गुफाएं काफी प्रसिद्ध हैं। झालावाड़ शहर से 23 किमी की दूरी पर भीमसागर बांध स्थित है तथा 65 किमी की दूरी पर भीमगढ किला है। यह स्‍थल भी पर्यटन के लिहाज से घूमा जा सकता है।

आवागमन

झालावाड राष्ट्रीय राजमार्ग १२ (जयपुर-जबलपुर) पर स्थित है । निकटतम बडा शहर कोटा है जो ८५ किलोमीटर दूर है । अभी जिला मुख्यालय पर रेलवे लाइन नही है लेकिन कार्य प्रगति पर है और 2008 तक रेलवे स्टेशन बन जाने की उम्मीद है।
झालावाड़ का निकटतम एयरपोर्ट कोटा विमानक्षेत्र है। यह शहर से 87 किमी. दूर स्थित है। नजदीकी रेलवे स्टेशन भी कोटा ही है। कोटा से झालावाड़ जाने के लिए बस या टैक्सी की सेवा ली जा सकती है। इसके अलावा जयपुर, बूंदी, अजमेर, कोटा, दिल्ली, इंदौर आदि शहरों से बस सेवाएं उपलब्ध

0 comments

Post a Comment

Followers

Biology Book

Search This Blog

Pages

Protected by Copyscape Online Plagiarism Detector